Wahe Guru ji ka Khalsa waheguru guru ki fateh
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लाख चाहू की तुझे याद न करू लेकिन इरादे अपनी जगह है और बेबशी अपनी जगह
अपनों की चाहत मे मिलावट थी इस कदर. मैं तंग आकर दुश्मनों को मनाने निकल गया..
मौत को देखा तो नही पर शायद वो बहुत खूबसूरत होगी, कम्बख्त जो भी उस्से मिलता है जीना छोड देता Continue Reading..
खुद को बुरा कहने की हिम्मत नहीं इसलिए लोग कहते हैं”जमाना खराब है”..
Thak gaya hun main dard chhupate chhupate, Aur log kehte hain main muskurata bahut hun
~Ek Dusre Sey Mil Kar Porrey Hote Haiin, Adhii Adhii Ek Kahani Haiin Hum Dono .. ‘
जैसा भी हूँ अच्छा या बुरा अपने लिये हूँ, मै खुद को नहीं देखता औरो की नजर से !!
ऐ चाँद तू किस मजहब का है . ईद भी तेरी और करवाचौथ भी तेरा