ख़ुशी कहा हम तो “गम” चाहते है, ख़ुशी उन्हे दे दो जिन्हें “हम” चाहते हे. –
तेरी बेरुखी ने छीन ली है शरारतें मेरी और लोग समझते हैं कि मैं सुधर गया हूँ ..!!
शब्द “दिल” से निकलते हैं… “दिमाग”से तो उसके मतलब निकलते हैं…
सुना है कोई और भी चाहने लगा है तुमको, हमसे बढ कर अगर चाहे तो उसी के हो जाना..
ना जाने कैसा रिश्ता है इस दिल का तुझसे.. धड़कना भूल सकता है पर तेरा नाम नही
अपनी मौत भी क्या मौत होगी ,, एक दिन यूँ ही मर जायेंगे तुम पर मरते मरते !!
सारा बदन अजीब से खुशबु से भर गया शायद तेरा ख्याल हदों से गुजर गया..
Tmhen meri mohabbat ki qasam such such btana… Galay main daal k baahen Manana kis se sikha hai…
चेहरे अजनबी हो भी जायें तो कोई बात नहीं लेकिन, रवैये अजनबी हो जाये तो बड़ी तकलीफ देते हैं…….!!
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