बेकसूर कोई नहीं इस ज़माने मे, बस सबके गुनाह पता नहीं चलते.
कौन कहता है कि मुसाफिर ज़ख़्मी नहीं होते, रास्ते गवाह है बस गवाही नहीं देते.
जब #TRUST टूट जाता है ना तो…!!! 😞😞 #SORRY का भी कोई #मतलब नहीं रहता हैं…!!! **
“”कुछ तो रहम कर ए-संग दिल सनम, इतना तङपना तो लकीरों मे भी न था..
सुनो तुम मेरी जिद नहीं जो पूरी हो… तुम मेरी धड़कन हो जो जरुरी हो.
~Woh Ek Shakhs Zindagi Jaisa, Aur Woh Hii Merii Zindagi Mein Nahi ..’
Ye Bary Dukh Ki Bat Hai K Ab Hamara Aik Dusray K Dukh Se Koi Wasta Nahi Raha Hai…
ठुकराया हमने भी बहुतों को है…तेरी खातिर,,, तुझसे फासला भी शायद…उन की बददुआओं का असर हैं …!!!!
!! हम आये हैं तेरे शहर में एक मुसाफ़िर की तरह ऐ अज़नबी बस एक बार मुलाकात का मौका देदे Continue Reading..
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