चलो मंजूर है तेरी बेरुखी मुझको बस इतना करो कि बेवफा मत होना
इतना खुश रहो के साला गम बी कहे गलती से मे यहा कहा आ गया।
~ बड़ा अजीब सा जहर था उसकी यादों का सारी उम्र गुजर गयी मरते – मरते .. ^
कई सितारों को मैं जानता हूँ बचपन से कहीं भी जाऊँ मेरे साथ-साथ चलतें हैं
मोहब्बत दो लोगो की…. बातें सौ लोगो की…
एक छोटी पेंसिल एक विशाल याद्दाश्त से कहीं बेहतर है
-Tu Zaroori Sa Haii Mujhko Ziinda Rehney Ke Liiye ..
जिन्हें प्यार नहीं रुलाता उन्हें प्यार की निशानियाँ रुला देती हैं.
~Sham Hote Hi Chiraghon Ko Bhuja Deti Hoon, Dil Hi Kaafi Hay Teri Yaad Main Jalne K Liye .. ‘
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