कुछ नहीँ था मेरे पास खोने को, जब से मिले हो तुम डर गया हूँ मैँ
जिँन्दगी मे इतनी शिद्दत से निभाना अपना किरदार . के परदा गिरने के बाद भी तालियां बजती रहे
तेरी तलाश में निकलु भी तो क्या फायदा, तु बदल गया हैं ,खोया नही हैं ।
तन्हाई की सरहदें और भीगी पलके….!! हम लुट जाते हैं, रोज तुम्हें याद करके….!
एक तो सुकुन और एक तुम, कहाँ रहते हो आजकल मिलते ही नही.
क्यों याद करेगा कोई बेवजह मुझे ऐ खुदा , लोग तो बेवजह तुम्हे भी याद नहीं करते !!”
सब मशरूफ थे नया साल मनाने में मैंने मेरी रूठी खुशियों को मना लिया..
एम्बुलेंस सा हो गया है ये जिस्म, सारा दिन घायल दिल को लिये फिरता है।
-Ishq Kiiya Jo Us’se Phir Usko Aazmana Kya?
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