वो बड़े घर की थी साहब, . छोटे से दिल में कैसे रहती.
मेरे कंधे पर कुछ यूँ गिरे तेरे आंसू, कि सस्ती सी कमीज़ अनमोल हो गयी.!!
~Hum To Agaaz’E-Mohabbat Mein Hi Lutt Gy, Log Toh Kehte The Ke Anjaam Bura Hota Haii .. ‘
अंत में लिखी है दोनों की बर्बादी, आशिक़ हो या हो आतंकवादी
ღ अरे पगली मे तो तुझे तब से चाहता हुं., जब से तू School में दों चोटीया बांध कर आती Continue Reading..
मोहब्बत दो लोगो की…. बातें सौ लोगो की…
फ़िक्र तो तेरी आज भी है.. बस .. जिक्र का हक नही रहा।
~Lafzo’n Ki Banawat Mujhe Nahi Aatii, Tumse Pyar Haii Seedhi Si Baat Haii .. ‘
मुकाम वो चाहिए मुझे, की जिस दिन भी हारु , . उस दिन जीतने वाले से ज्यादा मेंरे चर्चे हो
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